रासायनिक उद्योग के तेज़ी से विकास के बावजूद, प्राकृतिक सामग्री अभी भी दुनिया भर में मांग में रहती है। ऐसे उत्पादों के बीच प्राकृतिक लकड़ी अग्रणी है, इससे तो दर्जनों सामान बनाये जाते हैं। दुनिया भर के लोग गुणवत्ता वाले लकड़ी के बने घरों में रहना चाहते हैं और लकड़ी के बने ठोस फर्नीचर के साथ उन्हें सुस्सजित करना चाहते हैं। वाद्य यंत्र, खिलौने, गहने, रसोई के सामान, कंघी जैसे प्राकृतिक लकड़ी के बने उत्पाद अभी भी हमारे जीवन के लगभग सभी क्षेत्रों में उपयोग किए जाते हैं।
वनोत्पाद उद्योग में रूस के योगदान का अधिमूल्यांकन करना कठिन है: हमारे देश में दुनिया के सबसे बड़े औद्योगिक लकड़ी के संसाधन हैं। चीड़ और स्प्रूस, जिन्हें बहुत ज़्यादा लक्ष्यों के लिए उपयोग किया जाता है, ठोस लार्च वृक्ष, लोचदार और ठोस बर्च वृक्ष, मौलिक ओक और राख, साथ ही सजावटी किस्में जैसे अखरोट, चेरी या बबूल रूस के जंगलों में पाये जाते हैं।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमारे जंगलों में काटी जानी वाली लकड़ी की मात्रा की तुलना में उगने वाले वृक्षों की संख्या हर साल तीन गुना ज़्यादा होती जा रही है। प्रासंगिक वन उद्योग तकनीकियों से मिलकर यह न केवल प्रभावी बल्कि उत्पादन की प्रकृति के लिए पूरी तरह से सुरक्षित संयोजित करने देता है।
वनोत्पाद उद्योग के निर्यात का मुख्य हिस्सा निर्माण उत्पादों का है: बोर्ड, प्लाईवुड, स्लैब, चिपके बीम और अन्य। टिम्बर लकड़ी के निर्यात की दृष्टि से रूस दुनिया में दूसरे स्थान पर है, प्लाईवुड के निर्यात की दृष्टि से रूस तीसरा बड़ा देश है, जबकि लकड़ी के प्लेटों की दृष्टि से पहले दस देशों में से एक है।
इस दिशानिर्देश में प्रतिभाशाली व्यापारिक मामलों में से एक कंपनी "आधुनिक लकड़ी प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी" है। यह उल्ट्रालाम ट्रेडमार्क एल-वी-एल (यानी लेमिनेटिड विनीर लंबर) ब्रांड के तहत पेटेंट कराया गया बेहद मज़बूत बहु प्लाई वाली विनीर के बनी लकड़ी के उत्पादन में लगी हुई है।
रूस लगातार फर्नीचर, आंतरिक सामान, रसोई सामान और लकड़ी के बने अन्य उपभोक्ता उत्पादों के निर्यात में अपनी स्थिति को मज़बूत करता रहता है। इसका ज़िक्र काफ़ी है कि रूस लगभग एकमात्र ऐसा देश है जिससे चीन लगभग 1 करोड़ डॉलर प्रति वर्ष तक की राशि में पारंपरिक चीनी काँटे खरीदता है।
सेलूलोस और कागज़ उत्पादों के विश्व बाजार में भी रूस महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। न्यूजप्रिंट के निर्यात के लिए दुनिया में दूसरे स्थान पर होकर रूस पूर्वी गोलार्ध के कई देशों के लिए इस उत्पाद का मुख्य आपूर्तिकर्ता है। उदाहरण के लिए, भारत में हर सातवें समाचार पत्र को और तुर्की में हर तीसरे समाचार पत्र को रूसी कागज पर मुद्रित किया जाता है।